Onlineindia रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने वालों मृत्युदंड देने की सिफारिश की है। इसके लिए महिला आयोग ने मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। महिला आयोग ने अपने पत्र में बच्चियों के साथ हो रहे दुष्कर्म पर चिंता जताते हुए भारतीय दंड संहिता 1960 एवं लैंगिक अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम 2012 में आवश्यक संशोधन की अनुशंसा की है। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष हर्षिता पाण्डेय ने बताया कि कानूनी प्रावधानों के मुताबिक 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से दुष्कर्म के दोषी को आजीवन कारावास का प्रावधान है।
हाल ही में हरियाणा सरकार ने इस कृत्य को गंभीर मानने हुए 12 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म के दोषियों को मृत्युदंड का प्रावधान किया है। इसे देखते हुए महिला आयोग ने कानून में संशोधन के लिए मुख्यसचिव को पत्र लिखा है। आयोग ने अपने पत्र में कहा है कि छत्तीसगढ़ में 12 वर्ष या इससे कम उम्र की लड़कियों के साथ दुष्कर्म के अपराध बढ़ते जा रहे हैं। इसे देखते हुए कानूनी प्रावधानों में आवश्यक संशोधन होना चाहिए। मुख्य सचिव को महिला आयोग के सचिव आर.जे. कुशवाहा ने कानूनी प्रावधानों में संशोधन के लिए पत्र लिखा है।
आपको बता दें कि पिछले दिनों छत्तीसगढ़ प्रवास पर आई महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भी दुष्कर्म को लेकर चिंता जताई थी। सरकार पर महिला और बच्चों की सुरक्षा नहीं देने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने दिल्ली में शुक्रवार को कैंडल मार्च भी निकाला था। छत्तीसगढ़ में आश्रम व छात्रावासों में रहने वाली बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामले पहले भी सामने आए हैं। ऐसे में महिला आयोग की अनुशंसा काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।